महंत ‘यति नरसिंहानंद’ सरस्वती (Mahant 'Yati Narasimhanand') का सनातन प्रेम अद्भुद है

अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती अब हिंदू संतों के सबसे बड़े संप्रदाय 'जूना अखाड़े' के महामंडलेश्वर हैं। लेकिन उनकी असली पहचान एक ऐसे संत की है जो सनातन धर्म की कथित रक्षा के नाम पर विष वमन से नही चूकते। उनके निशाने पर अक्सर मुस्लिम समाज के लोग होते है तो कभी महिलाए भी। वे निडर हैं ,साहसी हैं और संत भी लेकिन जिस हिंदू ,हिंदुत्व और सनातन धर्म की वे दुहाई देते नही थकते उससे मेल खाता उनका स्वभाव नहीं दिखता ।सनातन तो प्रेम और त्याग का शिक्षा देता है ।वसुधैव कुटुंबकम् की बात करता है । देश का संत समाज और धर्म संसद अगर महंत यति को सनातनी परंपरा के मुताबिक स्वीकार करता है तो भला इसमें यति को क्या गलती । लेकिन एक बात साफ है कि महंत यति अपने उग्र विचारो से देश को झकझोड़ने में अपनी भूमिका निभाने से नहीं चूकते।कोई अगर यह कहे कि महंत यति अनपढ़ होने की वजह से कट्टरता धारण किए हुए है तो यह भी गलत है ।वे पढ़े लिखे महंत हैं और विदेशों में भी रहे हैं । एक जानकारी से यह भी पता चलता है कि यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी है और वो यूपी के मेरठ जिले के रहने वाले हैं। हापुड़ के चौधरी ताराचंद इंटर कॉलेज से अपनी पढ़ाई करने वाले नरसिंहानंद दावा करते हैं कि 1989 में केमिकल टेक्नोलॉजी की डिग्री हासिल करने के लिए वो मॉस्को गए थे। नरसिंहानंद बताते हैं कि 1994 में उन्होंने डिग्री हासिल की और 1997 में भारत लौटने से पहले तक वो मॉस्को में ही इंजीनियर के तौर पर नौकरी करते रहे। 1997 में अपनी मां के बीमार पड़ने की वजह से वो भारत लौट आए, लेकिन नरसिंहानंद का कहना है कि उनका छोटा भाई अभी भी मॉस्को में ही है। उनके पिता कांग्रेसी थे । कहा जाता है कि यति सपा के साथ भी रहे लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है ।
एक जानकारी यह भी मिलती है कि 1998 में यति की मुलाकात भाजपा नेता बीएल शर्मा से हुई और इसके बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। संन्यास लेने के बाद उन्होंने अपना नाम पहले दीपक त्यागी से बदलकर दीपेंद्र नारायण सिंह रखा और इसके बाद वो यति नरसिंहानंद सरस्वती हो गए। यति नरसिंहानंद सरस्वती 2007 से डासना के देवी मंदिर के महंत हैं।यति पर गाजियाबाद में ही पहले कई आपराधिक मामले भी दर्ज हुए थे ।इन मामलों की वर्तमान स्थिति क्या है इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है । लेकिन एक बात साफ है कि महंत यति हमेशा विवादो में रहना पसंद करते हैं ।उनके कई विवादित बयान समाज को उद्वेलित तो करता ही है सत्ता सरकार को भी कठघरे में खड़ा कर देता है ।नरसिंहानंद सरस्वती का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक अब्दुल कलाम को नंबर एक जेहादी बता रहे थे। वीडियो में वह कहते हैं कि कलाम ने पकिस्तान को एटम बम का फार्मूला दिया। कांग्रेस जैसी सेक्युलर सरकार ने भी अफज़ल की दया याचिका नहीं भेजी, लेकिन सारे प्रोटोकॉल को तोड़कर कलाम ने अफज़ल के परिवार वालों से मुलाक़ात की थी। इसके अलावा बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए वह कहते हैं कि कलाम के राष्ट्रपति और डीआरडीओ प्रमुख रहते हुए न जाने कितने हिंदू वैज्ञानिक मारे गए। हालांकि इस बात में कितनी सत्यता है इसकी जानकारी यति नहीं दे पाए।
दरअसल यति की परेशानी ये है कि वे देशभक्त है और भारत को हिन्दू राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं। कई लोग मानते हैं कि यति मुस्लिम विरोधी हैं। लेकिन सच यह नहीं है। उनकी नजर में हिन्दू -मुसलमान में कोई फर्क तो नहीं है लेकिन जो लोग देश के खिलाफ काम करते हैं ,आतंक फैलाते हैं और समाज -देश को खंडित करने की कोशिश करते हैं उनके खिलाफ यति का गुस्सा सामने आता है। महंत यति की नजर में देश के कुछ युवा देश के खिलाफ काम करते हैं इसलिए बार -बार वे मुस्लिम समाज पर भड़क भी जाते हैं। नरसिंहानंद विवादित बयान के लिए ही जाने जाते हैं। इसकी सजा भी उन्हें मिलती है लेकिन कट्टर राष्ट्रवाद का उनका नजरिया उन्हें बहुत कुछ कहने के लिए बाध्य भी करता है। एक बार तो यति नरसिंहानंद ने विवादित बयान देते हुए कहा, ‘वर्ष 2029 में या वर्ष 2034 में या वर्ष 2039 में मुस्लिम प्रधानमंत्री बन जाएगा। अगर एक बार मुस्लिम प्रधानमंत्री बना तो अगले 20 साल में 50 प्रतिशत हिंदुओं का धर्मांतरण हो जाएगा, 40 प्रतिशत की हत्या कर दी जाएगी और बाकी बचे 10 प्रतिशत या तो शरणार्थी शिविरों में होंगे या दूसरे देश में होंगे।’ सोशल मीडिया पर महापंचायत के आए वीडियो में नरसिंहानंद कथित तौर पर कहते सुनाई देते हैं, यह हिंदुओं का भविष्य होगा। अगर आप इस भविष्य से बचना चाहते हैं तो मर्द बनो और हथियार उठाओ। हालांकि, भाषा इस वीडियो की सत्यता की स्वतंत्र जांच नहीं कर सकी। कुछ इसी तरह के भड़काऊ बयान उन्होंने सीतापुर में भी दिया था। अक्टूबर 2019 में उत्तर प्रदेश के सीतापुर में भड़काऊ भाषण देने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती पर केस दर्ज किया गया था। वहां नरसिंहानंद ने हिंदू समाज पार्टी के कमलेश तिवारी की हत्या के बाद उसके परिवारवालों की मौजूदगी में 21 अक्टूबर 2019 को भड़काऊ भाषण दिया था। तब नरसिंहानंद ने देश को इस्लाम मुक्त, मुसलमान मुक्त बनाने की बात कही थी।
इसी तरह के कई और उनके बयान मीडिया में आते रहते हैं। कुछ तो वे बोलते हैं और बयान उनसे बोलवाये जाते भी हैं। जिस तरह से राजनीति धर्म और जातियों को लेकर आगे बढ़ रही है उसमे कुछ पत्रकारों और मीडिया संस्थान को नरसिंहानंद के बयान देश के भीतर विवाद खड़ा करने के रूप में देखा जा सकता है। लेकिन सच तो यही है महंत यति इसी समाज के संत हैं और प्रेम भाई चारे के साथ ही देश के भीतर राष्ट्रवाद जागृत रहे यही उनकी मंशा रहती है। Https://youtu.be/FgWqahDykdo Https://youtu.be/FgWqahDykdo

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