शिवसेना की असली लड़ाई शुरू ,पार्टी दफ्तर और फंड को लेकर शिंदे और उद्धव आमने सामने 

News India! Uddhav Thackeray vs Eknath Shinde :शिवसेना की असली लड़ाई अब शुरू होगी। 27 फरवरी से महाराष्ट्र में बजट सत्र शुरू होने  है ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ गई कि शिंदे गुट शिवसेना के दफ्तर और पार्टी फंड पर भी दावा करेंगे और ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र में वह सब देखने को मिल सकता है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मौजूदा समय में शिवसेना के 362 दफ्तर हैं पार्टी के पास 191.82 करोड़ की चल और अचल  संपत्ति भी है। सवाल है कि जब चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को पिछले दिनों जब शिवसेना को उनके गुट के हवाले कर दिया और पार्टी का चुनाव चिन्ह  तो क्या दफ्तर और पार्टी फंड के लिए शिंदे गुट पीछे रहेंगे? 
हालांकि उद्धव गुट को अभी भी लगता है कि यह सारा मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सब कुछ तय होगा लेकिन क्या मौजूदा समय में शिंदे गुट आगे की कार्रवाई नहीं करेगा ? क्योंकि इस गुट का तर्क है कि जब पार्टी और चुनाव चिन्ह उसके पास हो गए तब पार्टी से जुड़े सभी चीजे भी उसकी होगी। यहां तक कि विधयक और सांसद उद्धव गुट के पास है उस पर भी शिंदे गुट का दावा है।         बता दें कि  पास अभी दादर में पार्टी के पास विशाल पार्टी दफ्तर है  शिवसेना भवन है। पुरे महाराष्ट्र की राजनीति पार्टी यही से संचालित करती रही है। इसके साथ ही देश के कई अन्य राज्यों में भी पार्टी का दफ्तर है। पार्टी के  पास 191 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है और शिंदे गुट की नजर इस पर लगी हुई है। यह बात और है कि चुनाव आयोग से पार्टी और चुनाव चिन्ह मिले के बाद शिंदे ने कहा  था कि हमें बाला साहब का नाम मिल गया और उनकी बनाई पार्टी और चुनाव चिन्ह भी मिल गए। अब हमें कुछ नहीं चाहिए। जिन लोगो को संपत्ति की जरूरत है रखे। तब शिंदे गुट ने उद्धव पर तंज भी किया था और यह भी कहा था कि धन के लोभी को जो मिलना था उसे वह मिल गया। शिंदे गट ने यह भी कहा था शिवसेना का हर दफ्तर उनके लिए मंदिर है और मंदिर पर हम कब्जा नहीं करेंगे।
लेकिन अब जब महाराष्ट्र में कई जगह नगर निगम के चुनाव  होने हैं और उसके लिए फंड की जरूरत होगी तब क्या शिंदे गुट चुप रहेंगे ? दफतर को लेकर भी अब शिंदे गुट के भीतर कई तरह की बाते होने लगी है। महाराष्ट्र में के कई हिस्सों में शिव सेना के 82 दफ्तर है जबकि मुंबई में ही 280 दफ्तर है जहां से शिवसेना की राजनीति संचालित होती रही है। इसलिए शिंदे गुट के अधिकतर नेता चाहते हैं कि इन दफ्तरों पर भी उनका कब्जा हो ताकि राजनीति को आगे बढ़ाया जा सके।             शिंदे गुट की नजर अब उद्धव के साथ रहे विधायकों और  सांसदों पर भी है। कहा जा रहा है कि 27 तारिक से जो सत्र शुरू होने है उसमे शिंदे गुट एक व्हिप  जारी करेगा ताकि सभी विधयक और संसद पार्टी  सदन में पहुँच सके। उद्धव के साथ अभी दस विधयक हैं और दो से तीन सांसद  हैं ऐसे में अगर व्हिप के बाद अगर उद्धव से जुड़े विधायक और सांसद शिंदे गुट के साथ नहीं जुड़ते हैं तो एक नया खेल देखने को मिल सकता है। और फिर यह लड़ाई आगे तक जा  सकती है।  जानकार मान रहे हैं कि अब पूरी तरह से इस मामले को सुप्रीम कोर्ट को ही देखना है। अगर कोर्ट ने कुछ अलग फैसला किया तो सबकुछ बदल जाएगा। आप हमें Twitter, Facebook,और Youtube पर भी फॉलों करें

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