आखिर बागेश्वर बाबा पर क्यों भड़क उठे नीतीश कुमार ?

संत - महात्मा की भूमिका भारत जैसे देश में सनातनी काल से ही है। हर समय में और हर युग में संतों ने समाज निर्माण ,समाज सुधार और मानवता के कल्याण के लिए काम करते रहे हैं। लेकिन किसी भी संत ने मानवता से परे हिन्दू राष्ट्र का अलाप किया हो। मौजूदा समय में जिस तरह से बीजेपी और संघ के लोग हिन्दू राष्ट्र की बात करते रहे हैं अगर उसी को आगे बढ़ाने में कोई संत लगा हो तो उसे संत कहा जाये य फिर राजनीतिक आदमी। सबको पता है कि भारत एक सेक्युलर देश है। इस देश का एक संविधान है जिसमे सबको एक साथ मिलकर रहने की आजादी है। सभी को अपने धर्म मानने की आजादी है। ऐसे में संविधान से परे कोई हिन्दू राष्ट्र की बात करे तो उसे आप क्या कहेंगे ?
क्या जो सेक्युलर समाज की परिकल्पना करते हुए इस देश में रह रहा है और सनातनी परंपरा को भी मानता है ,अपने आराध्य को भी पूजता है और सबको सामान नजरिये से देखता है क्या वे हिन्दू नहीं है ? किसी के पास इसका जवाब है ? जो लोग बीजेपी को वोट देता है उसकी आबादी करीब 35 फीसदी ही और बाकी आबादी जो बीजेपी वोट नहीं करती क्या वे हिन्दू नहीं हैं ? ऐसे बहुत से सवाल है। बिहार के नोबतपुर के तरेत पाली में बाबा धीरेन्द्र शास्त्री का समागम चल रहा है। हनुमान कथा हो रही है। बड़ी संख्या में लोग बाबा के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। दुखिया समाज को कोई उपाय मिल जाए इसकी चाहत सबको है। बाबा की कृपा सब पर बरस रही है। यहाँ तक तो सब ठीक है लेकिन हिन्दू राष्ट्र का बयान कहाँ से जायज ठहराया जा सकता है ?
नीतीश कुमार को देश के किसी साधु संत से कोई परहेज नहीं। लेकिन राजनीतिक बातें जब संत के मंच से हो तो सत्ता चलने वाले को परेशान तो करेगा ही। देश के भीतर बीजेपी की राजनीति धर्म पर टिकी है। यह सब जानते हैं। यही वजह है कि बिहार के बड़े -बड़े नेता बाबा की परिक्रमा करते नजर आ रहे हैं। धर्म और विज्ञानं में टकराव जारी है। विज्ञानं पर धर्म को आसीन करने की कहानी चल रही है और बीजेपी के नेता इसमें बढ़ चढ़ कर आगे आ रहे हैं। सामने लोकसभा चुनाव है। बीजेपी को लग रहा ही कि विपक्ष की तरफ से जिस तरह की घेराबंदी हो रही है उसमे धर्म का प्रभाव ही बिहार की नैया पार करा सकती है। लेकिन नीतीश कुमार को यह सब पसंद नहीं। पहले से राजद के लोग बाबा पर हमलावर थे अब कुमार भी हमलावर हो गए हैं। पत्रकारों ने सीएम कुमार से बाबा के हिन्दू राष्ट्र वाले बयान पर सवाल किया तो कुमार भड़क गए। कुमार ने कहा कि बाबा को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। यहां हिन्दू -मुस्लिम सब एक हैं। उन्हें ऐसे बयान से बचना चाहिए। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि जड़ी की लड़ाई में सबने अंग्रेजो से लड़ाई की थी। फिर आजादी सबकी सहमति से संविधान बना। अभी जो बाबा बोल रहे हैं क्या उनका जन्म उस समय हुआ था ?हम सब राष्ट्रपिता को मानते हैं। हम उसी आधार पर काम कर रहे हैं। उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए।

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