Latest Uttarakhand News In Hindi मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को परेड ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम में शामिल हुये। उन्होंने पंड़ित धीरेन्द्र शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हे सनातन संस्कृति का संरक्षक बताया। वे हमारी सनातन संस्कृति के संरक्षक के रूप में भारत की सही पहचान को भावी पीढी तक पहुंचाने का दायित्व निर्वहन कर रहे है।मुख्यमंत्री ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने ठीक ही लिखा है कि बिनु सत्संग विवेक न होई, रामकृपा बिनु सुलभ न सोई। अथार्तः सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और श्री रामजी की कृपा के बिना सत्संग सहज नहीं मिलता। ठीक उसी प्रकार संपूर्ण विश्व को ज्ञान, दर्शन, आध्यात्म और संस्कृति से परिचित कराने वाले पूजनीय धीरेंद्र शास्त्री जी के माध्यम से आज उन्हें इस दिव्य दरबार में बालाजी महाराज के प्रति अपनी आस्था को साझा करने का एक अप्रतिम अवसर प्राप्त हुआ है। ऐसे पावन दरबार में हाजिरी लगाने का सौभाग्य चंद लोगों को ही प्राप्त होता है और इसमें भी यदि महाराज श्री का आशीर्वाद मिले तो इसका आशीष कई गुना बढ़ जा...
बाबा गोरक्षनाथ को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। उनको आदियोगी भी कहते हैं। स्थानीय लोग बाबा गोरक्षनाथ को बाबा गोरखनाथ कहते हैं, उनके नाम पर ही गोरखपुर शहर का नाम और गोरखनाथ मंदिर का नाम रखा गया है। वैसे तो सालो भर गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Mandir) में भक्तों की भीड़ लगी रहती है लेकिन मकर संक्रांति के समय का नजारा तो कुछ और ही होता है। बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परम्परा है और यह परम्परा मां ज्वाला देवी से जुड़ी हुई है। गोरखपुर का गोरखनाथ मंदिर। इसे नाथ पीठ (गोरक्षपीठ) का मुख्यालय भी माना जाता है। उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पीठ के पीठाधीश्वर हैं। मंदिर परिसर में मकर संक्रांति के दिन से महीने भर तक चलने वाला खिचड़ी मेला यहां का प्रमुख आयोजन है। इसका शुमार उत्तर भारत के बड़े आयोजनों में होता है। इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, नेपाल और अन्य जगहों से लाखों लोग गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने यहां आते हैं। भक्त खिचड़ी चढ़ाते हैं और प्रसन्न होकर घर लौटते हैं। मकर संक्रांति के दिन भक्त और भगवन का यह खेल अद्भुत नजारा पेश करता है। परम्परा के मुताबिक बतौर पीठाधीश्वर प...
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