Latest Uttarakhand News In Hindi मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को परेड ग्राउण्ड में आयोजित कार्यक्रम बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम में शामिल हुये। उन्होंने पंड़ित धीरेन्द्र शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हे सनातन संस्कृति का संरक्षक बताया। वे हमारी सनातन संस्कृति के संरक्षक के रूप में भारत की सही पहचान को भावी पीढी तक पहुंचाने का दायित्व निर्वहन कर रहे है।मुख्यमंत्री ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने ठीक ही लिखा है कि बिनु सत्संग विवेक न होई, रामकृपा बिनु सुलभ न सोई। अथार्तः सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और श्री रामजी की कृपा के बिना सत्संग सहज नहीं मिलता। ठीक उसी प्रकार संपूर्ण विश्व को ज्ञान, दर्शन, आध्यात्म और संस्कृति से परिचित कराने वाले पूजनीय धीरेंद्र शास्त्री जी के माध्यम से आज उन्हें इस दिव्य दरबार में बालाजी महाराज के प्रति अपनी आस्था को साझा करने का एक अप्रतिम अवसर प्राप्त हुआ है। ऐसे पावन दरबार में हाजिरी लगाने का सौभाग्य चंद लोगों को ही प्राप्त होता है और इसमें भी यदि महाराज श्री का आशीर्वाद मिले तो इसका आशीष कई गुना बढ़ जा
India Today's News in Hindi अडानी समूह ( Adani Group ) जिस तरह से शेयर बाजार (Share Market) में गोते खा रहा है इससे साफ़ लगता है कि हिंडेनवर्ग की रिपोर्ट सही है। इस रिपोर्ट में यही बात दर्ज की गई थी कि अडानी कंपनी ओवर वैल्यूड है। जितनी की सम्प्पति नहीं है उससे कई गुना ज्यादा वैल्यू करके बाजार को पलीता लगाया जा रहा है। दूसरा बड़ा आरोप यह था कि अडानी समूह कैरेबियन देशों में कई शेल कंपनियों को संचालित करता है इन्ही शेल कंपनियों के जरिये बाजर में स्थिति मजबूत बनाये रखने का स्वांग रचता है। ये दोनों बड़े आरोप थे। हिंडेनवर्ग (Hindenburg) ने निष्कर्ष के तौर पर कहा है कि यह अडानी समूह एक फ्रॉड कंपनी है जो भारत और भारत के लोगों के साथ धोखाधड़ी करता है। अब जब इस रिपोर्ट के बाद अडानी की कंपनी लगातार जमींदोज हो रही और हर जगह से जांच की मांग हो रही तो ऐसे में भारत सरकार को इसकी जांच क्यों नहीं कराई जा सकती ? चुकि इस कंपनी में देश के बैंको और एलआईसी समेत कई सार्वजानिक क्षेत्रों के पैसे लगे हुए हैं ऐसे में सरकार की यह बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि जनता के पैसे सुरक्षित
भूगर्भीय वैज्ञानिको और आधुनिक तकनीकी एक्सपर्ट्स के कमेंट्स को माने तो तो आने वाले समय में जोशीमठ का नामोनिशान मिट जायेगा। प्रकृति के साथ जिस तरह से छेड़छाड़ हुई है उसमे अब विज्ञानं का कोई भी तरीका जोशीमठ को बचाने में सक्षम नहीं है। अब सरकार के सामने बस एक ही उपाय है कि वह जोशीमठ की जनता को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाए और उसके पुनर्वास की व्यवस्था करे। जोशीमठ से जुड़े जो वैज्ञानिक तथ्य सामने आ रहे हैं,वे चौंकाने वाले है और सरकार की नीतियों का खुलासा करते हैं। आप कह सकते हैं कि हिंदुओं और सिखों के पवित्र तीर्थ बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब का गेटवे कहा जाने वाला ये वही जोशीमठ नगर है, जिसके धंसने की खबरें इन दिनों में सुर्खियों में हैं। इस नगर के 603 मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं। 70 परिवारों को दूसरी जगह भेजा जा चुका है। बाकी लोगों से सरकारी राहत शिविरों में जाने को कहा गया है। जोशीमठ के भीतर के सारे जलभंडार तो पहले ही सुख गए हैं। खुदाई के दौरान जल श्रोत फुट गए थे और सारे जल निकल गए। सरकार देखती रही और कुछ कर न पायी। या तो पहले की कहानी है। लेकिन इस कहानी का वर्तमान ये है कि जोशीमठ अब तबाही के
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