सनातनी बाबा Dhirendra Shastri पर बिहार में सियासत क्यों ?

बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) वाले बाबा धीरेन्द्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) का बिहार में इंतजार है। बिहार की जनता भी उनके स्वागत को तैयार ही। खासकर बीजेपी के समर्थक और संघ से लेकर हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग उनके दर्शन को लालायित हैं। लोग कह रहे हैं कि बाबा आएंगे तो बिहार की धरती पवित्र हो जाएगी। सनातन धर्म गौरवान्वित होगा और लोगों की अभिलाषा उनके दर्शन मात्र से पूरी हो जाएगी। और भी बहुत बातें की जा रही है। बाबा भी फुले नहीं समा रहे। उनकी भी इच्छा ही कि बिहार की जनता का भी कल्याण हो ,बिहार भी सनातन को आगे बढाए और बिहार को भी प्रभु राम भक्त हनुमान का आशीर्वाद मिले।बिहार के भक्तो से बबा की बात हुई और फिर आगमन की तैयारी हो गई। पहले पटना के गाँधी मैदान में कर्यक्रम करने की बात हुई लेकिन सरकर ने इसकी इजाजत नहीं दी। फिर बहुत कुछ बदला। बाबा अब 13 को पटना पहुँच रहे हैं और पटना के ही नौबतपुर में उनका कार्यक्रम 17 मई को होना है। वे प्रवचन देंगे। बबा के लोग बिहार के गांव -गव घूम रहे हैं और बाबा का सन्देश बिहार के लोगों को दे रहे हैं। कथा प्रवचन ने आने का निमंत्रण भी देते फिर रहे हैं। सनातनी बाबा को यह सब खबर मिल रहा है। बाबा गदगद हैं।
लेकिन बिहार में बाबा को लेकर राजनीति भी गरम है। बीजेपी के लोग जहाँ बाबा के जरिये हिंदुत्व का शंखनाद चाहते हैं वही राजद के लोग ऐसा नहीं चाहते। बीजेपी की चिंता आगामी लोकसभा चुनाव में बेहतर परिणाम को लेकर है। बीजेपी के लोगों को लग रहा है कि मौजूदा समय में बगेशवर बाबा सबसे चर्चित हैं और बड़े सनातनी भी। जब से बीजेपी को यह लगा कि बाबा हिन्दू राष्ट्र की बात करते हैं ,तभी से बाबा की पूछ हिन्दुओं में ज्यादा होने लगी है। बीजेपी और संघ को बाबा से काफी उम्मीद है। अब बिहार में भी बाबा हिंदुत्व क अलख जगाने को तैयार है। लेकिन गैर बीजेपी वालों को यह भला पसंद कैसे आये ! बिहार में हिन्दू -मुसलमानो का विवाद और राज्यों से कम ही रहा है। उद्धरण के तौर पर बिहर से सटे यूपी में जहां हिन्दू -मुसलमनो की रजनीति कुलाँचे मारती है वही बिहार में यह राजनीति नहीं चल पाती। बिहार में बीजेपी भी जानती ही कि यहां यह खेल संभव नहीं क्योंकि बिहार का मिजाज ही कुछ और है। कट्टरता की बात बिहार को सुहाती नहीं। ऐसे में मुसलमानो के खिलाफ कोई भी बात बीजेपी की राजनीति को ख़राब ही करती है। बिहार में वाम दलों की राजनीति हो या फिर कांग्रेस ,जदयू ,राजद ,हम और वीआईपी की राजनीति। हर राजनीति में मुस्लमान फिट हैं। बीजेपी की राजनीति में भी मुसलमानो की संख्या है और बहुतेरे मुस्लमान बीजेपी के साथ भी खड़े हैं। ऐसे में अन्य राज्यों की तरह यहां मुस्लिम समाज से राजनीति भेदभाव नहीं है।
बिहार में बागेश्वर धर्म वाले बाबा के आगमन की डुगडुगी बज रही है। लेकिन उधर राजद नेता और बिहर सर्कार के मंत्री तेजप्रताप यदव ने कहा है कि इस देश में कोई भी कही आ जा सकता है। लेकिन कोई हिन्दू -मुसलमान करेगा तो ठीक नहीं। सत्ता पक्ष इस खेल को बिहर के मिजाज के प्रतिकूल मानता है। उधर तेजप्रताप को लगता है कि बीजेपी के मकसद को पूरा करने के लिए अगर धीरेन्द्र शास्त्री हिन्दू -मुस्लमान करेंगे। ऐसे में इसके विरोध का इंतजाम भी किय गया है। राजद नेता ने भी युवाओं की एक सेना तैयार की है। उसे ट्रेनिंग भी दी गई ही। सेना की परेड भी कराई गई है .सेना को आदेश है कि बाबा के आगमन पर नोबतपुर से लेकर एयरपोर्ट तक सेना की तैनाती रहेगी। कुछ भी गड़बड़ हुआ तो बिघ्न डाला जाएगा। फिर आगे जो भी होगा उसे भी देखा जाएगा। बाबा अगर हिन्दू -मुस्लमान बोलेंगे तो तेजप्रताप की युवा सेना को कुछ क्या कुछ करना है उसे बता दिया गया है। उधर राजद के कई और नेताओं ने भी शास्त्री जी के खिलाफ बहुत कुछ बोला है। कइयों के बोल तो बेकार के हैं लेकिन जगदानंद सिंह ने जो कहा उससे उन पर मुकदमा भी दर्ज हो गया है। कह सकते हैं कि बगेश्वर बाबा क स्वागत करने को बिहार तैयार भी है और उनके बोल का इंतजार भी बिहार कर रहा है। ऐसे में बाबा को यह चाहिए कि समाज में सद्भाव बना रहे और प्रभु हनुमान की कृपा सब पर बनी रहे यही आशीष देकर वे बिहार को कृत्य कृत्य करेंगे। राजनीतिक बातें नहीं हो यही उनसे यचना भी है।

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