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हिंदुत्व ही बीजेपी का प्राण है और वोट का आधार भी

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आगामी लोकसभा चुनाव में कौन किसको पछाड़ेगा और किसकी जीत होगी इसका आकलन कोई नहीं कर सकता। खुद बीजेपी भी नहीं और कांग्रेस समेत कोई विपक्षी पार्टियां भी नहीं। लेकिन सवाल है कि अगले चुनाव का मुद्दा क्या होगा ? किस मुद्दे पर सत्ता पक्ष जनता के पास जाएगा और किस मुद्दे को विपक्ष चुनावी मैदान में उतरेगा ? यही सबसे बड़ा सवाल है। कहने को तो विपक्ष के पास ढेर सारे मुद्दे हो सकते हैं जैसे लोकतंत्र की बर्बादी ,सरकारी संस्थाओं के दुरूपयोग ,अडानी प्रक्ररण ,चीन का सीमा विवाद ,अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले और अर्थव्यवस्था ,बेरोजगारी ,महंगाई के मसले भी। इसके बाद आने वाले समय में और भी कई गंभीर मसले उठेंगे उसको लेकर भी विपक्ष जनता के पास जा सकती है। लेकिन क्या बीजेपी के पास मुद्दे नहीं होंगे ? कहने को तो उसके पास भी कई मुद्दे हैं और विकास के कार्य भी। ऐसा नहीं है कि बीजेपी सरकार ने पिछले 9 साल में कुछ नहीं किया है। गांव -से लेकर शहरो तक मोदी सरकार ने कई योजनाए चलाई है और इसका लाभ लोगो को मिला है। आज भी देश की जनता उस लाभ को उठा रही है। सबसे बड़ी योजना तो 80 करोड़ जनता को पांच किलो अनाज मुफ्त में देने की य

शिवसेना की असली लड़ाई शुरू ,पार्टी दफ्तर और फंड को लेकर शिंदे और उद्धव आमने सामने 

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News India ! Uddhav Thackeray vs Eknath Shinde :शिवसेना की असली लड़ाई अब शुरू होगी। 27 फरवरी से महाराष्ट्र में बजट सत्र शुरू होने  है ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ गई कि शिंदे गुट शिवसेना के दफ्तर और पार्टी फंड पर भी दावा करेंगे और ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र में वह सब देखने को मिल सकता है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मौजूदा समय में शिवसेना के 362 दफ्तर हैं पार्टी के पास 191.82 करोड़ की चल और अचल  संपत्ति भी है। सवाल है कि जब चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को पिछले दिनों जब शिवसेना को उनके गुट के हवाले कर दिया और पार्टी का चुनाव चिन्ह  तो क्या दफ्तर और पार्टी फंड के लिए शिंदे गुट पीछे रहेंगे?  हालांकि उद्धव गुट को अभी भी लगता है कि यह सारा मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सब कुछ तय होगा लेकिन क्या मौजूदा समय में शिंदे गुट आगे की कार्रवाई नहीं करेगा ? क्योंकि इस गुट का तर्क है कि जब पार्टी और चुनाव चिन्ह उसके पास हो गए तब पार्टी से जुड़े सभी चीजे भी उसकी होगी। यहां तक कि विधयक और सांसद उद्धव गुट के पास है उस पर भी शिंदे गुट का दावा है।         बता दें कि  पास अभी द

Maulana Arshad Madani के बिगड़े बोल कहा 'न राम, न शिव उस वक्त सिर्फ अल्लाह थे, आदम था तुम्हारा पूर्वज.

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Maulana Arshad Madani : मौलाना अरशद मदनी से पहले मौलाना महमूद मदनी ने दावा किया था कि इस्लाम दुनिया का सबसे पुराना धर्म है और इस्लाम की पैदाइश भारत में हुई है. Maulana Arshad Madani Statement: दिल्ली में चल रहे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अधिवेशन में मौलाना अशरद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने एक हिदुत्व पर चोट करते हुए ऐसा बयान दिया कि,सभी हिंदू धर्मगुरूओं का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया.इस बार उन्होंने मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को लेकर मंच से पूरा जहर उगला. मौलाना ने कहा हमारे मजहब में दखल क्यों दिया जाता है. हमारा सबसे पहला नबी मनु यानी आदम है. मदनी ने कहा कि तुम्हारा पूर्वज हिन्दू नहीं था. तुम्हारा पूर्वज मनु था यानी आदम था. मदनी के इस बयान के बाद मंच पर बवाल मचना तय था. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ( ) के 34वें अधिवेशन में मदनी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के लिए आपत्तिनजक शब्दों का भी इस्तेमाल किया. ‘उन्होंने कहा अल्लाह ने इसी धरती पर मनु यानी आदम को उतारा है, जिसकी पत्नी हव्वा है जिनको तुम हेमवती कहते हो. ये हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके पूर्वज हैं’. मदनी के बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने स्टे

सच तो यही है कि जाति और हिंदुत्व ही इस देश मिजाज है…

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News India ! संघ का प्रमुख लक्ष्य क्या है ? एक ही लक्ष्य है कि भारत हिन्दू राष्ट्र बने। संघ की स्थापना 2025 में की गई थी। हालांकि यह अभी तक कोई पंजीकृत संगठन नहीं है लेकिन इस संघ की शाखाये और उप शाखाये पुरे देश में फैली हुई है। मकसद एक ही है कि देश हिन्दू राष्ट्र बने। संघ के सभी संगठन जब आपस में मिलते हैं तो एक ही विचार पर मंथन होता है और वह है हिन्दू राष्ट्र। अब दो साल बाद संघ सौ साल का हो जाएगा। 2025 में संघ के सौ साल होंगे और संघ की समझ यही है कि जब 2024 के चुनाव में बीजेपी की सरकार फिर से बनेगी तब शायद उसकी मंशा पूरी हो जाए। कह सकते हैं कि बीजेपी के लोगों को जहां अगले चुनाव में जीत हार की जितनी संवेदना नहीं है उससे कही ज्यादा संवेदना संघ के बीच है। संघ हर हाल में अगले चुनाव में बीजेपी की जीत चाहता है। उसे लग रहा है कि अगर 2024 में फिर से मोदी सरकार की वापसी होती है तो शायद उसके मनोरथ पूर्ण हो जायेंगे। और भी पढ़े: Bageshwar Dham controversy: बाबा धीरेन्द्र शास्त्री के समर्थन में उतरे कथावाचक Devkinandan thakur पिछले दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत देश की जातियों को लेकर एक बया

Global Investors Summit 2023: पीएम मोदी ने किया ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन ,दुनिया भर के कारोबारी पहुंचे लखनऊ 

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यूपी सधे तो सब सधे की तर्ज पर आज से लखनऊ में बहुत कुछ होने जा रहा है। दुनिया भर के इन्वेस्टर्स  रहे हैं। देश और दुनिया के कारोबारी यूपी में निवेश करेंगे ताकि रोजगार के अवसर बढे। यहाँ तक तो सब ठीक है। लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी है। बीजेपी को लग रहा है कि इस आयोजन का थोड़ा लाभ भी सूबे को मिल गया तो आगामी चुनाव में उसकी भारी जीत पक्की है। बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव में यहां की सभी 80 सीटें जीतने की कोशिश में जुटी है। बीजेपी को लग रहा है कि यूपी को अगर साध लिया गया तो उसकी मुश्किलें कम हो जाएगी क्योंकि कई राज्यों में उसकी सीटें घटने की बात कही जा रही है। उधर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर हाल में चाहते हैं कि यूपी की दशा बदले लेकिन उनकी चाहत आगे की भी है। राजनीति में चाहत रखना कोई बुरी बात भी नहीं। योगी भी अगले प्रधानमंत्री के उम्मीदवार हो सकते हैं।  पीएम मोदी ने आज इस समिट का उद्घाटन कर दिया। देश और  में कारोबारी यहां पहुँच रहे हैं। यह कार्यक्रम  चलेगा। कहा जा रहा है कि इस समिट के जरिये सूबे में 25  लाख करोड़ तक के निवेश हो सकते। हैं ऐसा हो गया तो निश्चित तौर पर यूपी की दशा बदल सकत

भारत का प्रतीक है वंदे भारत ट्रेन

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बदलते विकसित भारत के सपने को वंदे भारत ट्रेन एक नई गति दे रहा है। देखते-देखते स्वदेशी वंदे भारत ट्रेन देश के मानचित्र पर तेजी से फैल रहा है। भारत सरकार की तैयारी आने वाले वर्षों में वंदे भारत ट्रेन के रास्ते विश्व पटल पर छा जाने की है जिस पर रेल मंत्रालय ने काम भी शुरू कर दिया है। विदेशों से पहले भारतीय विकास को गति देने के लिए पिछले 15 दिनों में दो नई वंदे भारत ट्रेन राष्ट्र को समर्पित की गई है। चारों दिशा में दौड़ती यह वंदे भारत ट्रेन नए भारत के संकल्पों और सामर्थ्य का ही नहीं है बल्कि गुलामी की मानसिकता से निकल कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते भारत की भी बन रही है। पीएम मोदी ने 15 जनवरी को देश के आठवें, दक्षिण भारत के दूसरे और इस वर्ष के पहले वंदे भारत ट्रेन की सौगात देश के लोगों को दी। पीएम मोदी ने सिकंदराबाद से विशाखापट्टनम को जोड़ने वाली वंदे भारत 2.0 ट्रेन को हरी झंडी दिखाई जो सिकंदराबाद से विशाखापट्टनम की करीब 700 किलोमीटर की दूरी आठ घंटे में तय करेगी। अभी तक इस दूरी को तय करने में करीब 12 घंटे का समय लगता था। आंध्र प्रदेश में यह ट्रेन विशाखापट्टनम, राजमुंदरी और विजयवाड़ा में रुकेगी ज

Bageshwar Dham News: कथा-वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बाबा धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन, में कहा-सनातन धर्म ही टारगेट क्यों?

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Latest News on Religion ! आस्था में विवाद की गुंजाइस कहा ? भारत में आस्था ही सर्वोपरि है। यह संत ,महात्माओ ,सूफियों का देश है। न जाने कितने पंथ है और न जाने कितनी पूजा पद्धति। कोई शिव को मानता है तो शाक्त को। कोई विष्णु नाम जपकर जीवन जीता है तो कोई राम नाम को ही जीवन का आधार मानता है। कोई कृष्ण की लीला को याद कर जीवन को धन्य मानता है तो कोई तंत्र मन्त्र साधना को अपनाकर भवसागर को पार होना चाहता है। कोई रामभक्त हनुमान का उपासक है तो कोई गीता के रहस्यों में जीवन का आनद ढूंढता फिरता है। जितने लोग उतनी तरह की भक्ति। भारत की यही महानता है। यह सर्व धर्म समभाव का देश है। इस देश में सनातन को आगे बढ़ाने की बात होती है और सनातन (SANATAN) में ही जीवन के रहस्य छुपे होने की बात भी की जाती है। साधू संतो के इस देश की खासियत भी यही है। धर्म से विमुख लोगो को देश के महान कथावाचकों ने लोगो को धरम का मार्ग दिखाने में कोई त्रुटि अभी तक नहीं की है। एक से बढ़कर एक कथावाचक सनातन का झंडा उठाये हुए लोगो को हर रोज अमृतपान कराने से नहीं चूकते। सनातन की जय हो यह कल्पना मात्र है। यह भी जरूर पढ़े: सच तो यही है कि ज

और अडानी (Adani) की जांच क्यों नहीं होनी चाहिए ?

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India Today's News in Hindi अडानी समूह ( Adani Group ) जिस तरह से शेयर बाजार (Share Market) में गोते खा रहा है इससे साफ़ लगता है कि हिंडेनवर्ग की रिपोर्ट सही है। इस रिपोर्ट में यही बात दर्ज की गई थी कि अडानी कंपनी ओवर वैल्यूड है। जितनी की सम्प्पति नहीं है उससे कई गुना ज्यादा वैल्यू करके बाजार को पलीता लगाया जा रहा है। दूसरा बड़ा आरोप यह था कि अडानी समूह कैरेबियन देशों में कई शेल कंपनियों को संचालित करता है इन्ही शेल कंपनियों के जरिये बाजर में स्थिति मजबूत बनाये रखने का स्वांग रचता है। ये दोनों बड़े आरोप थे। हिंडेनवर्ग (Hindenburg) ने निष्कर्ष के तौर पर कहा है कि यह अडानी समूह एक फ्रॉड कंपनी है जो भारत और भारत के लोगों के साथ धोखाधड़ी करता है। अब जब इस रिपोर्ट के बाद अडानी की कंपनी लगातार जमींदोज हो रही और हर जगह से जांच की मांग हो रही तो ऐसे में भारत सरकार को इसकी जांच क्यों नहीं कराई जा सकती ? चुकि इस कंपनी में देश के बैंको और एलआईसी समेत कई सार्वजानिक क्षेत्रों के पैसे लगे हुए हैं ऐसे में सरकार की यह बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि जनता के पैसे सुरक्षित